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Showing posts from October, 2017

चीन से निपटने के लिए भारत उठाएगा अब यह है कदम

नई दिल्ली, प्रेट्र :  रक्षा मंत्रालय ने करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा पर बुनियादी ढांचा को मजबूत करने का फैसला लिया है। सेना के कमांडरों के कांफ्रेंस में डोकलाम में दो महीने से ज्यादा समय तक चले विवाद को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि कांफ्रेंस में डोकलाम में चीन के साथ चली तनातनी के अलावा उत्तरी सीमा पर सभी संभावित सुरक्षा चुनौतियों पर भी विचार किया गया। स्टाफ ड्यूटी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विजय सिंह ने सम्मेलन के परिणामों की जानकारी दी। इसमें रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा अन्य ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि उत्तरी सेक्टर में सड़क निर्माण गतिविधि की दिशा में गहराई से विचार करने का फैसला लिया गया। सिंह ने कहा कि कमांडरों ने मौजूदा क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ सांगठनिक बदलाव पर विचार किया। सोमवार से एक सप्ताह तक चले कांफ्रेंस को थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने संबोधित किया। उन्होंने कमांडरों से हर समय हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा। रक्षा मंत्री ने की सेना की सराहना रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांफ्रेंस...

आरुषि तलवार हत्याकाण्ड : अब आगे की रणनीति पर कानूनी राय लेगी सीबीआई

आरुषि हत्याकांड में हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अब सीबीआई इस मामले में कानूनी राय लेगी. इसके बाद सीबीआई फिर से अदालत में अपील करेगी. दरअसल, कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद सीबीआई हर कदम बेहद सोच समझकर उठाएगी. इस प्रक्रिया में लगभग एक महीने का समय लग सकता है. <script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-3295605530060315", enable_page_level_ads: true }); </script> आरुषि मर्डर केस में हाईकोर्ट ने तलवार दंपति को तो बरी कर दिया है. लेकिन  सीबीआई की जांच  को लेकर कई सवाल उठाए हैं. कोर्ट की तीखी टिप्पणी के बाद अब सीबीआई अब एक बार फिर इस मामले में अपील करने की तैयारी करेगी. हालांकि इस बार सीबीआई अपील करने से पहले कानूनी राय लेगी. इसके साथ ही सीबीआई इस केस में आए कोर्ट के फैसले को पहले अच्छे से स्टडी करेगी. जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. लेकीन पुख्ता सबूतों की कमी होने की वज...

क्या है रोहिंग्याओ का टेरर कनेक्शन ?

म्यांमार की सरकार और सेना अपने ही देश के रखाइन प्रांत में रहने वाले रोहिंग्याओं को अपना नागरिक नहीं मानती है। रोहिंग्याओं को म्यांमार से भगाया जा रहा है। सरकार और सेना उन पर आतंकवादी होने का आरोप लगा रही है। भारत ने भी रोहिंग्याओं शरणार्थियों को लेकर इसी तरह की आशंका जाहिर की है। आइए जानते हैं क्या है रोहिंग्याओं का टेरर कनेंक्शन... क्या सच में आतंकवादी हैं रोहिंग्या दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार बताते हैं कि रोहिंग्या आतंकवादी नहीं हैं। जब उन पर अत्याचार हुए, सेना ने उनका दमन किया तो अराकान रोहिंग्या सैल्वेशन आर्मी नाम (ARSA) से एक संगठन का जन्म हुआ। इस संगठन ने सेना के दमन के खिलाफ हथियार उठाए। इन्हीं लोगों ने म्यांमार की आर्मी पर हमला किया, जिसमें 12-13 सैन्यकर्मी मारे गए। यही नहीं एआरएसए ने अपने इस कृत्य की जिम्मेदारी भी ले ली। इसके बाद म्यांमार की आर्मी ने इन पर कार्रवाई और तेज कर दी, जिसकी वजह से अब उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ रहा है।  <script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/ad...