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Showing posts from August, 2017

सेना के पांच जवानों समेत दो पुलिस अधिकारी शहीद, दो आतंकी मारे गए

Thanks for reading  सेना  के पांच जवानों समेत दो पुलिस अधिकारी शहीद, दो आतंकी मारे गए बारामूला ।   जम्मू-कश्मीर   में आंतकियों ने एक बार फिर से सेना के कैंप को निशाना बनाया है। इसमें सेना के पांच जवानों समेत दो पुलिस अधिकारियों के शहीद होने की खबर है, वहीं दो आतंकी भी मारे गए हैं। बारामूला इलाके के उरी सेक्टर में मोहारा में   शुक्रवार   सुबह तीन से चार आतंकियों ने घात लगाकर सेना के कैंप पर हमला बोल दिया। इसमें कई जवान   घायल भी हो गए। सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है।   जानकारी के अनुसार सुबह सात बजे के  करीब   31 फील्ड रेजीमेंट में आतंकी घुस गए। आर्मी कैंप में घुसते ही आतंकियों ने दनादन फायरिंग शुरू कर दी। इससे दो पुलिस अधिकारी और सेना के पांच जवान शहीद हो गए। वहीं चार जवानों के जख्मी होने की खबर है। सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है और जवाबी कार्रवाई की जा रही है। आसपास के इलाके को सील कर दिया   गया   है।   जम्मू-कश्मीर में चुनावों से पहले आतंकियों ने फिर से हमले को अंजाम दिया था। राज्य में नौ दिसंब...

वीर दुर्गादास की जीवन की गाथा

Thanks for reading *वीर दुर्गादास राठौड़:*  *इनका नाम सुन औरंगज़ेब के पसीने छूट जाते थे *1. जीवन की कहानी* जब कभी हम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी किसी शख़्सियत के जीवन की कहानी को पढ़ते हैं तो उसमें यही खोजते हैं कि ऐसा क्या अलग था जो उनके जीवन में था। उस विशेष इंसान में ऐसी क्या बात थी जिसने उन्हें मशहूर बनाया। उनमें ऐसी क्या प्रतिभा थी जो दुनिया के सामने आई। *2. अव्वल* महान शख़्सियतों के महान बनने के पीछे कई कारण होते हैं। किसी का ज्ञान उन्हें महान बनाता है, जैसे कि प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य। वहीं दूसरी ओर किसी का अहंकार उन्हें प्रसिद्ध बनाता है, जैसे कि महापंडित रावण। इसके अलावा किसी की बहादुरी भी उन्हें लोकप्रिय कर देती है, जैसे कि भारतीय शूरवीर कहलाने वाले महाराणा प्रताप। *3. प्रतिभा* लेकिन आज जिनकी बात हम करने जा रहे हैं वे जीवन के हर मुकाम पर खरे उतरे हैं। फिर चाहे वह राजनीति हो, कूटनीति हो या फिर शत्रु का संहार करने की नीति। उन्हें हर मोड़ पर अव्वल ही रहे  *4. एक अच्छा योद्धा* लेकिन निराशा है इस बात की कि दुनिया ने उन्हें महज़ एक अच्छा ...

शरद यादव को राज्यसभा मे जेडीयू के संसदीय दल के नेता पद से हटाया

Thanks for reading नई  दिल्ली ।   जनता दल यूनाईटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव   को   राज्यसभा   में   जेडीयू   के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया   गया   है। उनके स्थान पर आरसीपी सिंह को यह जवाबदारी सौंपी गई है। माना जा   रहा   है कि पार्टी शरद यादव को लेकर कड़ा रूख अपना रही है। गौरतलब है कि जेडीयू के अध्यक्ष पहले ही कह चुके हें कि शरद यादव को जिस ओर जाना हो चले जाऐं पार्टी अपना निर्णय ले चुकी है। दूसरी ओर पार्टी के संसदीय दल के नेता को चुनने के बाद जेडीयू के सांसदों ने   उपराष्ट्रपति   एम   वैंकेया नायडू   से भेंट की। हालांकि शरद यादव को राज्यसभा में जेडीयू संसदीय दल के नेता के पद से हटाने के मामले में पार्टी की ओर से कहा गया है कि शरद यादव को रिप्लेस किया गया है। दूसरी ओर राज्यसभा सांसद और   भाजपा   के राष्ट्रीय अध्यक्ष   अमित शाह   ने   सीएम नीतीश कुमार   को   अपने   घर दिल्ली में चाय पर बुलाया। शरद यादव ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की। जानकारी   मिली ...

अखिलेश यादव ने किया योगी सरकार पर हमला

Thanks for reading पूर्व मुख्यमंत्री व   सपा   अध्यक्ष   अखिलेश यादव   ने कहा है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज   गोरखपुर   में सरकार   की लापरवाही से बच्चों की   जान   गई है। सरकार ने मौत के आंकड़े ही नहीं, घटना को छिपाने की भी कोशिश की। उन्होंने सवाल उठाया कि 9 अगस्त को गोरखपुर में मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में आक्सीजन की कमी का मामला क्यों सामने नहीं आया ? सपा के प्रदेश कार्यालय में मीडिया से मुखातिब अखिलेश यादव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की अगुवाई में गोरखपुर भेजी गई सपा की जांच टीम अपनी रिपोर्ट पार्टी और सरकार दोनों को देगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वीकार ही नहीं किया कि आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई हैं। जबकि, हकीकत यह है कि आक्सीजन की कमी से बड़े पैमाने पर बच्चों की मौत हुई है। बच्चों की लाश को छिपाकर, दूसरे दरवाजों से अस्पताल से बाहर भेजा गया। बच्चों के भर्ती होने की जानकारी भी सामने नहीं आएगी क्योंकि एडमिशन कार्डों में हेराफेरी कर दी गई है। आक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को भुगतान नहीं हुआ था। कंपनी ने लिखकर ...

गोरखपुर में मासूमों की मौत पर सांसत में योगी आदित्यनाथ सरकार !

Thanks for reading गोरखपुर :   ऑक्सीजन   की कमी से 60 बच्चों की मौत के बाद सीएम   योगी आदित्यनाथ   ने   रविवार   (13 अगस्त) को   बाबा राघव दास   मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और बच्चों की मौत पर अपनी बात कहते हुए भावुक भी हो गए। सीएम ने कहा, कि ‘मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच कमेटी गठित की गई है। रिपोर्ट तक इंतजार करें। दोषियों पर इस तरह की कार्रवाई होगी, कि वो गलत काम करने वालों के लिए मानक होगी। कार्रवाई के बाद कोई भी गलत काम करने के बारे में दस बार सोंचेगा।’ निरीक्षण के लिए BRD हॉस्पिटल पहुंचे CM योगी, मासूमों को देख हुए भावुक सीएम योगी   के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी थे। सीएम ने कहा, कि इस इलाके के जनप्रतिनिधि होते हुए वे   जापानी   बुखार या दिमागी बुखार की लड़ाई 1996 से लड़ रहे हैं। सड़क से संसद तक उन्होंने अपनी जंग जारी रखी है। उनसे ज्यादा इस मामले को और कौन जानता है। ना दें ‘नरसंहार’ की संज्ञा     नड्डा ने पत्रकारों से भी कहा, कि वो एक-दो की संख्या में वार्डों में जाएं और देखें क...

History of Bhati Vansh【भाटी वंश का इतिहास】

भाटी  अथवा "भट्टी" • भारत और पाकिस्तान के राजपूत कबीले है . •भाटी राजपूत (जिसे बरगला भी कहा जाता है) चंद्रवंशी मूल के होने का दावा करता है। •भाटी कबीले द्वारा कभी-कभी अपने पुराने नाम "यादवपती" , जो कृष्ण और यदु या यादव से उनके वंश को दर्शाते थे,का भी प्रयोग किया जाता है। •12 वीं सदी में भाटी राजपूत ने जैसलमेर पर शासन किया। ये लोग ऊंट सवार, योद्धाओं और मवेशी चोरी और शिकार के शौकीन थे। रेगिस्तान में गहरे स्थित होने के कारण, जैसलमेर भारत में मुस्लिम विस्तार के दौरान सीधे मुस्लिम आक्रमण से बच गया था लेकिन अंततः मुसलमानों ने उन्हें हराया था। • कुछ भाटी खानाबदोश मवेशी रखने वाले थे। 1857 के विद्रोह से पहले के कुछ वर्षों में, इन समूहों ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा किए गए फैसलों के कारण अपनी जमीन खो दी थी, जो कि जाट किसानों को चराई वाले भूमि को पूर्व में दिल्ली और हरियाणा क्षेत्रों में भाटियों द्वारा आवृत करती थी। • राजस्थान के भाटी राजपूत में से कुछ ,उन समुदायों में शामिल थे जो 1883-1998 के बीच कन्या शिशु ह्त्या करते थे। दीपालपुर में हिंदू भाती राजपूत स...

रावणा राजपुत का इतिहास

Ravna Rajput【रावणा राजपुत】 इतिहास :- प्राचीनतम आर्य संस्कृति के क्षत्रिय वर्ण का मुख्य दायित्व सुरक्षा एवं शासन करना था। सुरक्षा की दृष्टि से शत्रुओं से युद्ध करके राज्य के अस्तित्व को बनाये रखना और प्रजा की रक्षा करना  तथा शासन की दृष्टि से प्रजा की सेवा करना क्षत्रियों का परम कर्तव्य था।  ये ही क्षत्रिय वर्ण के लोग अनगिनत जातियों में विभक्त हो गए। राजपूत जाति उनमें से एक है। आर्य संस्कृति के चारों वर्ण जब भिन्न भिन्न जातियों में विभाजित होने लगे, तब हिन्दू संस्कृति का  प्रादुर्भाव हुआ।  आज जाति व्यवस्था हिन्दू धर्म के प्रमुख लक्षणों में से एक महत्वपूर्ण लक्षण है। जिसमे ऊँच-नीच छूत अछूत जैसी बुराईयाँ व्याप्त है।  कालांतर में राजपूत जाती में भी अनेक जातियां  निकली। उस व्यवस्था में रावणा राजपूत नाम की जाति राजपूत जाति में से निकलने वाली अंतिम जाती है, जिसकी पहचान के पूर्वनाम दरोगा, हजुरी वज़ीर     आदि पदसूचक नाम है। राजपूत जाति से अलग पहचाने जाने वाली इस जाति प्रारंभिक काल मुग़ल शासन है।  भारत में अंग्रेजी शासन के उस काल में जबकि अनेक सम...

15th August celebrate in india

August Celebrations in India Every year, India's Independence Day is celebrated by all proud Indians. The day is observed as a national holiday for the country. Though, local governments conduct the ceremony of flag hoisting all over India, the venue of main celebration is the Red Fort in the capital city New Delhi in India. The celebration starts every year with the unfurling of the tricoloured national flag by the Prime Minister of the nation, followed by a televised speech. The speech generally reflects the present condition of the nation along with the achievements in the previous year and the future development plans. A tribute is even paid by the Prime Minister to freedom fighters of India by declaring the day as a national holiday. Post the flag-hoisting ceremony, patriotic programs by children from schools based in different states is one of the main attractions.  In northern and central cities of India, kite flying is celebrated as an event associated with the Independen...

INDIAGATE : MOST TOURISM PLACE OF INDIA

At the centre of New Delhi stands the 42 m high  India Gate , an " Arc-de-Triomphe " like archway in the middle of a crossroad. Almost similar to its French counterpart, it commemorates the 70,000 Indian soldiers who lost their lives fighting for the British Army during the World War I. The memorial bears the names of more than 13,516 British and Indian soldiers killed in the Northwestern Frontier in the Afghan war of 1919. •The foundation stone of India Gate was laid by His Royal Highness, the Duke of Connaught in 1921 and it was designed by Edwin Lutyens. The monument was dedicated to the nation 10 years later by the then Viceroy, Lord Irwin. Another memorial,  Amar Jawan Jyoti was added much later, after India got its independence. The eternal flame burns day and night under the arch to remind the nation of soldiers who laid down their lives in the  Indo-Pakistan War of  December 1971 . •The entire arch stands on a low base of red Bharatpur stone and rises in st...